रविवार, 23 सितंबर 2018

फिक्र


फिक्र करने का हक हम से छीन नहीं सकते

यह भी एक दस्तूर है प्यार का
नज़दीकियां हो तो फिक्र भी होना लाज़मी है

इस जस्बाद को समझने की कोशिश करें

इस जस्बात को सरहाना नहीं तो फिर भी इसका आदर करना सीखें

इस एहसास का मान रखें

अगर हम मायने रखते हैं...
आखिर यह कोई गुनाह तो नहीं
यह तो हमारा प्यार है...
यह तो हमारा हक़ है |

क़दर करें की आज भी आपकी फिक्र है...











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