मोहब्बत लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
मोहब्बत लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 23 मार्च 2021


वह बिन मिले की चाहतें 

वह बिन जाने मोहब्बतों का इज़हार खतों में 

कहाँ से लाएं वही चाहतें 

कहाँ से लाएं वही लम्हें ..   

वक़्त है कि बेवफा हो चला 

वक़्त को यह अब मंज़ूर नहीं। 


बुधवार, 1 जनवरी 2020


टूटे हुए दिल जोड़े नहीं जाते
दरारें रह जाती हैं
फासले पड़ जातें हैं
बिखर जाती है ज़िन्दगी
लफ्ज़ खो जाते हैं

टूटे हुए दिल जोड़ नहीं जाते
लफ्ज़ रूठ जाते हैं
जस्बाद कैद हो जाते हैं
चाह कर भी दिल फिर उस तरह नहीं मिलते
चाह कर भी फासले नहीं मिटते
छह कर भी मुस्कुराहटें वापिस नहीं मिलती

टूटे हुए दिल नहीं मानते
टूटे हुए दिल फिर जुड़ना नहीं जानते ...


गुरुवार, 26 दिसंबर 2019


दिल टूटा ही सही पर खाली नहीं हुआ है...
जितना भी तक़दीर चुरा ले इस दिल में सदा बरकत बरकरार रहेगी
दिल टूटा ही सही पर फिर भी आबाद है  ...



हम नहीं बदले


वही ज़िन्दगी वही मंच ...
बस बदले तो सिर्फ किर्दार
बस बदले तो सिर्फ हालात। ...

वक़्त नहीं ठमा पर जस्बाद ठम गए जब उन्हें देखा फिर से ख़्वाब में कई साल बाद  ...
किस्मतें बदल गयीं पर हम नहीं बदले।

आज भी एहसास है उनका जिन्हें कभी मिल ना सके एक बार भी
पर आवाज़ है उनकी जो आज भी याद है एक कभी न भुलाये जाए हसीन गाने की तरह। ...




बुधवार, 25 दिसंबर 2019

दिल एक खिलौना


रोज़ सोचते रहे कि तुम्हे भूल जाएँ
मगर रोज़ दिल तस्सली देता कि तुम समझोगे दिल की ज़ुबान को। ...
उम्मीद थी कि तुम चाहत की गहराईओं में समा जाओगे
भूल गए थे कि उनको जस्बादों की क्या क़दर होगी जो दिल को एक बेजान खिलौना समझते हैं  ...


मंगलवार, 25 सितंबर 2018


अजनबी होते हुए भी उन्होंने हमारी हम से पहचान कराई
ना जानते हुए भी हर बात जानते थे हमारी
ताज्जुब है कि गैर होते हुए भी इतना चाहते थे
चाहते हैं...

यह जानते हुए कि उम्र भर का साथ नहीं
फिर भी चाहत थी अनंत

बिना मिले बिताये कुछ पल साथ में
लगाव था ऐसा कि राज़ी हुए एक दूसरे के साथ के लिए हर हाल में
बेशक पाया एक दूसरे को खतों में...

ख्वाबों ने सांसें ली सिर्फ कुछ ही घड़ियां
फिर भी जी ली तमाम उम्र उन लम्हों में...

कुछ लम्हों की बात थी और फिर बिखर गये अलग राहों पर
लेकिन आज भी जुड़े हुए हैं कहीं ना कहीं बेशुमार यादों के ज़रिये
मंज़िल शायद एक नहीं पर अभी भी दिल तो एक हैं
ऐसा गहरा रिश्ता है आज भी...

हर बात याद आती है उनकी
कहने को तो अत्यंत दूर हैं मगर
नज़दीक हैं दिल के आज भी...




शनिवार, 22 सितंबर 2018

कभी नहीं मिले  ज़िंदगी मे
फिर भी दिल के बेइंतेहा करीब हैं...

ऐसे जैसे कि कोई सम्बन्ध हो उम्र पुराना
ऐसे जैसे कि कोई रिश्ता हो बेहद रूहानी

नहीं समझते  सब 
पर हम मानते हैं कि हम अनजान नहीं

नहीं पेहचानते सब
पर हम जानते हैं कि यह मोहब्बत है

यही  मोहब्बत है !













गुरुवार, 20 सितंबर 2018


किस्मतों कि साजिशों ने मोहब्बत से वाकिफ कराते ही , उस पेहचान को ही वक्त के धुएँ मे घुमा दिया। अब बची हैं कुछ यादों की राख।
उनका वजूद भी बाकी नहीं मेरी ज़िंदगी में पर हवाओं के ज़रिए हर सरसराहट पर उन्की याद पैगाम लाती है...
हमारी कहानी का तो कोई नाम ओ निशान नही... उस मोहब्बत का तो कोई अंजाम नही....
फिर भी उनके होने का यह एहसास कैसा। .. उस मोहब्बत से लिप्टी हुई यह फिज़ा की खुशबू  कैसी।