गुरुवार, 20 सितंबर 2018


कई ने चुकाई गहरी कीमतें देश की आज़ादी के लिए
कितने शहीद हुए कितने घर तबाह हुए...
कुर्बानियां अनगिनत
व्यर्थ ना होने पाए वोह बलिदान
संभालें उस धरोहर को
अभी नहीं तो कभी नहीं !
करें नष्ट उन बुराइयों को जो देश हमारे को बदनाम करे
रक्षा करेंगे स्त्रीयों की आबरू की, आज यह प्रण लें
और नहीं अब और नहीं !
करेंगे हिफाज़त हर हाल पर हम औरतों के मान का , आज यह वचन दें
यह सवाल है हम सब की प्रतिष्ठा और गौरव का भी
कठिन होंगी यह राहें पर निर्बल ना होने देना यह इरादा कि हम देश को मुक्त करेंगे इन गुनाहों से
यह जंग है कुछ लोगों की सोच से , यह जंग है कुछ अपवित्र निगाहों से जिनके कारण औरतें और बच्चे सुरक्षित नहीं
चलें अब उस राह पर जो फिर से  इतिहास लिखे
चलें उस मार्ग पर जो रंगदे देश की महिलाओं का जीवन सही मायनों में स्वतंत्रता के रंगों से


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