शुक्रवार, 30 नवंबर 2018


हर सांस पर उनकी यादें दस्तक दें
यह तय कर दिया अब तक़दीर ने...
वह कभी नहीं आएंगे
फिर भी उनका ख्याल हर पल सताता रहेगा
यह समझा दिया अब वक़्त ने...
पर हमे स्वीकार है हर वह बात जो उनके मुतअल्लिक हो
वोह अजनबी हैं मगर फिर भी दिल के इतने कब करीब हुए मालूम ही नहीं
पर एक अजनबी से बेइंतेहा मुहब्बत करने की गहरी कीमत तो चुकानी ही होगी
इस राह का शायद यही अंजाम होना ही था कि हम कभी ना मिलें
पर फिर भी हम इस रास्ते पर चल दिए
तो यह तो होना ही था।

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