मंगलवार, 23 मार्च 2021


वह बिन मिले की चाहतें 

वह बिन जाने मोहब्बतों का इज़हार खतों में 

कहाँ से लाएं वही चाहतें 

कहाँ से लाएं वही लम्हें ..   

वक़्त है कि बेवफा हो चला 

वक़्त को यह अब मंज़ूर नहीं। 


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