गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

हम नहीं बदले


वही ज़िन्दगी वही मंच ...
बस बदले तो सिर्फ किर्दार
बस बदले तो सिर्फ हालात। ...

वक़्त नहीं ठमा पर जस्बाद ठम गए जब उन्हें देखा फिर से ख़्वाब में कई साल बाद  ...
किस्मतें बदल गयीं पर हम नहीं बदले।

आज भी एहसास है उनका जिन्हें कभी मिल ना सके एक बार भी
पर आवाज़ है उनकी जो आज भी याद है एक कभी न भुलाये जाए हसीन गाने की तरह। ...




बुधवार, 25 दिसंबर 2019

दिल एक खिलौना


रोज़ सोचते रहे कि तुम्हे भूल जाएँ
मगर रोज़ दिल तस्सली देता कि तुम समझोगे दिल की ज़ुबान को। ...
उम्मीद थी कि तुम चाहत की गहराईओं में समा जाओगे
भूल गए थे कि उनको जस्बादों की क्या क़दर होगी जो दिल को एक बेजान खिलौना समझते हैं  ...



दिल को शक़ था....
पर दिल गवाही देता रहा कि तुम मेरे हो।
तू ही दिल की चाहत था हर दम....
तू ही दिल की ख्वाइश। था ...
जिसे बंध आँखों से चाहा बेइंतेहा।
इश्क़ था इतना गहरा कि दिल मानने से इंकार करता रहा कि तुम मेरे नहीं हो।
दिल टूटता रहा तुम्हारे बेवफाई के साये में....
पर इश्क़ बरक़रार रहा... 

शनिवार, 10 अगस्त 2019


फ़ैसले ज़िन्दगी में  कुछ ऐसे हुए कि
सज़ा मिली उनको जिनका कसूर भी नहीं था
और आबाद हुए वह जिन्होंने दिल को तोड़ा।
क़िस्मत भी मेहरबान है उन पर जो लोगों के जस्बादों से  खेलते हैं
ज़िन्दगी के खेल में कोई कीमत नहीं वफ़ा की
ज़िन्दगी के खेल में कोई जगाह नहीं मोहब्बत की....    

मख़मली राह को ठुकरा कर चले आएं अनजान रास्तों पर
मीलों तक नज़र आता है संघर्षों का रेगिस्तान

प्यास है मंज़िल की
पर दूर तक कोई उम्मीद नहीं
फिर भी इस रास्ते पर ही चलना है

उनके बिना भर गयी ज़िन्दगी काँटों से
अब तो रेशम भी चुबता है…  

रविवार, 28 अप्रैल 2019


औरत को हर रिश्ते के क़र्ज़ चुकाने पर मजबूर किया जाता है....

पर कर्ज़दार तो वह हैं जिनके लिए औरत क़ुर्बान कर देती है तमाम ज़िन्दगी  कभी माँ तो कभी बेटी बन कर , तो कभी संगिनी या बहन बन कर

यही है औरत का किरदार एक आदमी की ज़िन्दगी में कि उसे मिटना पड़ता है आदमी की ज़िन्दगी में सामने के लिए और सब को आबाद करने के लिए कुयूंकि यह शर्त है ज़माने की…    

     

शुक्रवार, 30 नवंबर 2018


हर सांस पर उनकी यादें दस्तक दें
यह तय कर दिया अब तक़दीर ने...
वह कभी नहीं आएंगे
फिर भी उनका ख्याल हर पल सताता रहेगा
यह समझा दिया अब वक़्त ने...
पर हमे स्वीकार है हर वह बात जो उनके मुतअल्लिक हो
वोह अजनबी हैं मगर फिर भी दिल के इतने कब करीब हुए मालूम ही नहीं
पर एक अजनबी से बेइंतेहा मुहब्बत करने की गहरी कीमत तो चुकानी ही होगी
इस राह का शायद यही अंजाम होना ही था कि हम कभी ना मिलें
पर फिर भी हम इस रास्ते पर चल दिए
तो यह तो होना ही था।

रविवार, 7 अक्तूबर 2018

आज़माइश का वक़्त
हर मोड़ पर कसौटी है

आज़माइश की घड़ी
हर रिश्ते को परखने का समय  है

आज़माइश की चुनौती
हर कोई स्वीकार नहीं कर सकता
धीरज और सहस  से सामना करने की ज़रुरत है

ऐसे वक़्त में धैर्य हर किसी की बस की बात नहीं
सहनशीलता हर किसी की शक्ति नहीं
आज़माइश उन्ही को चुनती है जो इसे सह सकते हैं

आज़माइश एक कहानी है उनकी
जो आसानी से हार नहीं मानते








शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2018

रिश्ते अक्सर शर्तों पर टिकें होते हैं
हर बार क़र्ज़ चुकाने होते हैं
यहाँ कोई अपना नहीं !

रिश्ते कीमतें मांगते हैं
हर सम्बन्ध  स्वार्थी है !
त्याग और प्यार का कोई अर्थ नहीं
बलिदान का कोई मान नहीं
यहाँ किसी को किसी की परवाह नहीं !

हर कोई गैर है , हर कोई अजनबी है
नज़दीकियां आसान फ़रामोश होजाती हैं
अपने बैगाने हो जाते हैं
यही आज कल की दुनिया का दस्तूर है

अपने ही आज़माइश में डालते हैं
अपने ही बेवफा होते हैं
यही आज कल की दुनिया का सही चेहरा है 

गुरुवार, 4 अक्तूबर 2018

इलज़ाम जो उन पर लगें
खंजर बन कर दिल चीर देता है

जब हमने उन्हें चाहा है बिन शर्तों के
तो औरों को उनसे गिला क्या

आज भी वह हमारे मान हैं
हम मिलें नहीं तो क्या हुआ
फिर भी मोहब्बत ने हमारी ज़िन्दगी में आकर लिया
होते हैं कुछ रिश्ते ऐसे जो बिन मिलें ही बन जातें हैं करीब

और अज़ीज़ हो जाता है वह इंसान अपनों से भी ज़्यादा
मिले बगैर जो बन जाता है अपना
शायद इसी को कहतें हैं अनोखा सम्बन्ध
जिसमें एहसासों की गहराई हो

जो वक़्त नहीं मिटा सका
वह मोहताज नहीं किसी के मर्ज़ी का
ऐसे रिश्ते औरों को क्या समझाएं
जो जनम लेते हैं रब की मर्ज़ी से
और होते हैं अद्वित्य




मंगलवार, 25 सितंबर 2018

ज़बान चाहे हो हिंदी , उर्दू  या पंजाबी
अर्थ है एक
लक्ष्य है एक
जस्बात है एक
जब बात कही जाए दिल से
और पहुंचे दिल तक।